प्रमुख पुरातात्विक स्थल
(Archeological Sites and their locations)
| स्थल | स्थान |
|---|---|
| हड़प्पा | पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मोंटगोमेरी (साहिवाल) जिले में स्थित |
| मोहनजोदड़ो | पाकिस्तान में सिंध प्र्रंत के लारकाना जिले में स्थित |
| लोथल | अहमदाबाद (गुजरात) |
| कालीबंगन | हनुमानगढ़ (राजस्थान) |
| धोलावीरा | कच्छ (गुजरात) |
| भिरन्ना | फतेहाबाद (हरियाणा) |
| बानावली | फतेहाबाद (हरियाणा) |
| अदिच्छानल्लुर | थुथुकुड़ी (तमिलनाडु) |
| जोर्वे | अहमदनगर (महाराष्ट्र) |
| दैमाबाद | अहमदनगर (महाराष्ट्र) |
| शोरतुग़ई | उत्तरी अफगानिस्तान. |
| छान्हुदारो | मुलान सन्ध (सिंध), पाकिस्तान |
| अमरी | दादू (सिंध), पाकिस्तान |
| मेहरगढ़ | बलूचिस्तान, पाकिस्तान |
| गनेरीवाला | पंजाब, पाकिस्तान. |
| राखीगढ़ी | हिसार (हरियाणा) |
| अत्तिरामपक्कम | तिरुवल्लुर (तमिलनाडु) |
सुप्रसिद्ध पुरातत्वविद
| नाम | संक्षिप्त विवरण |
|---|---|
| सर अलेक्जेंडर कनिंघम | वह एक ब्रिटिश सेना अधिकारी और पुरातत्वविद् थे जिन्होंने सारनाथ और सांची सहित भारत में कई स्थलों की खुदाई की थी। वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले निदेशक थे। |
| जॉन मार्शल | वह 1902 से 1928 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक रहे। उनके कार्यकाल के दौरान सिंधु घाटी के स्थलों हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई की गई। |
| राखालदास बनर्जी | आर.डी. बनर्जी एक भारतीय इतिहासकार और पुरातत्ववेत्ता थे जिन्होंने 1922 में मोहनजोदड़ो के सिंधु घाटी स्थल की खुदाई की थी। |
| दया राम साहनी | 1921-22 में उन्होंने सिंधु घाटी स्थल, हड़प्पा की खुदाई का पर्यवेक्षण किया। 1931 में वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले भारतीय महानिदेशक बने। 1920 में उन्हें पंजाब के राज्यपाल द्वारा राय बहादुर पदक से सम्मानित किया गया। |