ज्वार भाटा
(Most important questions related to Tide)
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परिभाषा:ज्वार-भाटा समुद्र के स्तर में होने वाली वृद्धि और गिरावट है, जो चंद्रमा (और कुछ हद तक सूर्य) द्वारा लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बलों के संयुक्त प्रभाव के कारण होता है.
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कारण:- चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण: चंद्रमा का पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण खिंचाव ज्वारीय बल उत्पन्न करता है, जिसके कारण पृथ्वी और उसके पानी चंद्रमा के सबसे निकट वाले भाग और चंद्रमा से सबसे दूर वाले भाग पर उभर आते हैं. 
- सूर्य का गुरुत्वाकर्षण: सूर्य का गुरुत्वाकर्षण भी ज्वार को प्रभावित करता है, लेकिन चंद्रमा के प्रभाव से कम. 
 
- चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण: चंद्रमा का पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण खिंचाव ज्वारीय बल उत्पन्न करता है, जिसके कारण पृथ्वी और उसके पानी चंद्रमा के सबसे निकट वाले भाग और चंद्रमा से सबसे दूर वाले भाग पर उभर आते हैं. 
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प्रकार:- उच्च ज्वार (High Tide): जब समुद्र का पानी अपने उच्चतम स्तर पर होता है. 
- निम्न ज्वार (Low Tide): जब समुद्र का पानी अपने न्यूनतम स्तर पर होता है. 
 
- उच्च ज्वार (High Tide): जब समुद्र का पानी अपने उच्चतम स्तर पर होता है. 
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दिन में ज्वार:सामान्यतः, एक दिन में दो उच्च ज्वार और दो निम्न ज्वार आते हैं.
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ज्वार की भविष्यवाणी:ज्वार की भविष्यवाणी चंद्रमा और सूर्य की स्थिति के आधार पर की जा सकती है.
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समुद्री जीवन:ज्वार-भाटा समुद्री जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विभिन्न प्रकार के जीवों को विभिन्न क्षेत्रों में रहने की अनुमति देता है.
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नाविकों के लिए:ज्वार-भाटा नाविकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें बंदरगाहों में प्रवेश करने और छोड़ने में मदद करता है.
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मछली पकड़ने में:ज्वार-भाटा मछली पकड़ने में भी मदद करता है, क्योंकि यह मछलियों को विभिन्न क्षेत्रों में इकट्ठा होने में मदद करता है.
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ऊर्जा उत्पादन:ज्वार-भाटा का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए भी किया जा सकता है.
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तटीय भू-आकृतियों का निर्माण:ज्वार-भाटा तटीय भू-आकृतियों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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अमावस्या और पूर्णिमा:अमावस्या और पूर्णिमा के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं, जिससे विशेष रूप से उच्च ज्वार होते हैं.
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सप्तमी और अष्टमी:दोनों पक्षों की सप्तमी या अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के केंद्र पर समकोण बनाते हैं, जिससे निम्न ज्वार होते हैं.
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ज्वारीय सीमा:उच्च ज्वार और निम्न ज्वार के बीच की ऊँचाई के अंतर को ज्वारीय सीमा कहा जाता है.
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अंतर्ज्वारीय क्षेत्र:अंतर्ज्वारीय क्षेत्र समुद्री तटरेखाओं पर पाया जाने वाला एक पारिस्थितिकी तंत्र है, जहां तट पर रहने वाले अनेक जीव उच्च और निम्न ज्वार के बीच परिवर्तनों से बचे रहते हैं.
ज्वार भाटा
ज्वार भाटा से सम्बंधित प्रगामी तरंग का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया 
विलियम वैवेल ने
महासागर से उठने वाले ज्वार भाटा पर किसका प्रभाव सबसे ज्यादा होता है 
चंद्रमा का
दैनिक ज्वार भाटा के मध्य समयान्तर कितना होता है 
24 घंटे 52 मिनट
सूर्य और चद्रमा के बीच निकटतम बिन्दु पर पृथ्वी के पहुचने पर आने वाले ज्वार को क्या कहते हैं । 
सर्वोच्च ज्वार
ज्वारों की उत्पत्ति के लिए सबसे बड़ा कारण क्या हैं 
पृथ्वी का उपकेंद्रिया बल तथा चंद्रमा और सूर्य का आकर्षण बल
विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार कहाँ आता है 
फंडी खाड़ी में
फडी की खाड़ी कहाँ स्थित है 
कनाडा में
अर्द्ध दैनिक ज्वार भाटा कितने समय बाद आता है
‘2 घंटे26 मिनट
विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार कब आता है 
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिन
लघु ज्वार कब आता है 
कृष्ण एक शुक्क पक्ष को
लघु ज्वार में सूर्य और चंद्र पृथ्वी के साथ किस स्थिति में होते है 
सूर्य व् चंद्रमा पृथ्वी के साथ समकोण पर होते है
दीर्घ ज्वार या सर्वोच्च ज्वार में सूर्य, चद्रमा और पृथ्वी किस स्थिति .में होते हैं 
सूर्य , चंद्रमा और पुर्थ्वी एक सीध में होते है

 
					