भारत के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी – I
(Freedom Fighters Of India)
दादाभाई नौरोजी
- भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन के नाम से विख्यात
- वे 1892 में ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने जाने वाले पहले एशियाई थे।
- Poverty and Un-British Rule in India के लेखक ।
- उन्होंने 1876 में राष्ट्रीय आय का पहला अनुमान प्रस्तुत किया ।
- वे बम्बई के एलफिन्स्टन कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय थे।
- उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में तीन बार (1886, 1893 और 1906) चुना गया था।
- उन्होने 1883 में वाइस ऑफ इंडिया नामक अखबार की शूरुआत की थी ।
- वे वयस्क लोगों में शिक्षा का प्रसार करने वाले संगठन, ज्ञान प्रसारक मंडली के संस्थापक भी थे ।
सी राजागोपालाचारी
- उन्हे राजाजी और सीआर के नाम से भी जाना जाता है, वे एक वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी थे ।
- राजागोपालाचारी भारत के पहले और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल थे ।
- 1930 में उन्होंने मद्रास राज्य में वेदारण्यम में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया ।
- 1954 में डॉ. राधाकृष्णन तथा सी.वी रमण सहित भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले पहले व्यक्तियों में से एक थे ।
- 1951 से 1952 तक वे भारत के गृह मंत्री तथा 1952 से 1954 तक वे मद्रास के मुख्य मंत्री थे ।
- राजाजी ने 1959 में कांग्रेस से अलग होने के पश्चात स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की थी ।
- राजाजी गांधीजी के पसंदीदा लोगों में से एक थे, वे उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज बताते थे ।.
गोपाल कृष्ण गोखले
- उन्हें व्यापक रूप से महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु के रूप में जाना जाता है।
- उन्होने 1905 में शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने वाले तथा अस्पृश्यता और भेदभाव, शराब, गरीबी आदि सामाजिक बुराइयों से लड़ने वाले संघटन सर्वेंटस ऑफ इंडिया सोसाइटी की स्थापना की थी ।
- उन्होंने पुणे के एक स्कूल में सहायक मास्टर के रूप में अपना करियर की शुरूआत की थी ।
- 1907 में कांग्रेस के विभाजन के समय वे नरम दल के नेता थे जबकि तिलक गरम दल के नेता थे ।
- 1911 में उन्होने नागपुर के प्रमुख दैनिक द हितवादा की स्थापना भी की थी ।
बाल गंगाधर तिलक
- लोकमान्य तिलक के नाम से जाने जाते थे; वे भारतीय इतिहास, खगोल विज्ञान और संस्कृत के विद्वान थे ।
- वे अपने कथन स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा के लिए प्रख्यात है ।
- अँग्रेज उन्हें भारतीय अशांति का जनक मानते थे ।
- विष्णुशास्त्री के साथ मिलकर तिलक ने भारत के युवाओं को भारत की संस्कृति के बारे में शिक्षा देने के लिए डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की ।
- तिलक भारतियों की दुर्दशा उजागर करने वाली दो साप्ताहिक पत्रिकाओं, ‘केसरी’ (मराठी) तथा ‘मराठा’ (अंग्रेजी) के संस्थापक भी थे ।
- उन्होंने लोगों को करीब लाने और अंग्रेजों के साथ राष्ट्रवादी आंदोलन में शामिल करने के लिए गणपति महोत्सव और शिवाजी जयंती के जश्न की शुरूआत की थी ।
- बिपिन चंद्र पाल और लाला लाजपत राय सहित वे स्वदेशी आंदोलन के प्रमुख रचयिताओं मे से एक थे । तीनों को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता है ।
- स्वराज को लक्ष्य बनाकर, उन्होंने होम रूल लीग की स्थापना भी की थी ।
- वे गीता रहस्य तथा द आर्कटिक होम इन द वेदाज़ के लखक थे ।
- उनका देहाँत 01 अगस्त 1920 को हुआ । इसी दिन महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी ।